क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। बाद में दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। लेकिन मामला थम ने का नाम नहीं ले रहा हे, क्यों के पीडिता के मौत के बाद रात के अँधेरे में पुलिस ने पीडिता के शव को उनसे घर वालो को घर के अन्दर बंद करके, रात को ही जला दिया.
क्या पुसिस सबुत मिटाना चाह रही थी?
या फिर, किसी और को सरकार के दबाव में बचाना?
निचे देखे कैसे राहुल गाँधी पुलिस से बचकर हाथरस जाने की कोशिश कर रहे हे .
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़ित की मौत के मामले में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी आज हाथरस जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने उन्हें रोका तो दोनों कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ गए। ग्रेटर नोएडा से हाथरस की दूरी 142 किलोमीटर है। उधर, हाथरस प्रशासन ने जिले में 31 अक्टूबर तक के लिए धारा 144 लगा दी। हाथरस की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। पीड़ित परिवार के गांव में बैरिकेड लगाए गए हैं।
राहुल-प्रियंका के पहुंचने से पहले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पीड़ित के गांव तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें गांव के अंदर जाने से रोक दिया। विरोध में सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर पर जख्मों की बात है, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
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