कोरोना वायरस और हमारी तैयारी
कोरोना वायरस और हमारी तैयारी
मोदीजी को क्यों रुलाते, उनको मित्रो मित्रो कहने दो,भाई और बहनो करते करते, फिर से भाषण करने दो.
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क्या तयारी हम तुम्हारी करे,तुम तो विष्णु के ही अवतार हो,सुना हे तुम गोबर से ठीक होते हो,चमगादड़ की संतान हो..
हाथ क्यों हम अपने धोये,तुम तोह कही से भी न दिखते,खुद को ही क्यों दिलासा दे हम,क्या गोबर से भी न डरते तुम ...
उपलों के धुव्वे से तुमको भगाऊ,या चाहिए तीरथ भी,योग भी तुम को दिखला देंगे,देंगे मन्त्र को भीतर भी..
चाइना से अवतरित हो कर,लंबा सफर करके आये हो,इतना ज्यादा ठहर के यहाँ पे ,बिन बुलाये मेहमान छाए हो..
तुम को किसी ने सिखाया नहीं ,या घर जमाई बने हो ?चलो भागो हमारे यहाँ से,याद नहीं कब सगाई करे हो। .
मोदीजी को क्यों रुलाते,उनको मित्रो मित्रो कहने दो,भाई और बहनो करते करते,फिर से भाषण करने दो.
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