जी उठो
ठहरे हो क्यों? क्या किसी ने रोका हे तुम को?
जी लो, जी उठो, यु ही बैठे हो क्यों ?
जी उठो
ठहरे हो क्यों? क्या किसी ने रोका हे तुम को ?
ठहरे हो क्यों? क्या किसी ने रोका हे तुम को?
जी लो, जी उठो, यु ही बैठे हो क्यों ?
समझ लो खुद को, बर्बाद न हो ने तो तुम को,
सहमे से दिल को, बेहलाओ खुद को,
कुछ बहना बनाके, खुद को बहाना बनानाने से बचाओ।
सोचो जो भी हो सोचना, बैठे बैठे यु हाथ न थामना,
खुद के लिए सोचो, खुद से,
कोई आये गा नहीं, मिलाने तुमसे?
तुम कोई भगवन नहीं या हो कोई अवतारी,
खुद चलनी हे खुद की नाव, तुम क्यों बैठे हो ऐसे अभी,
चल उठो, आगे बढ़ो, वार्ना कोई तुमको पूछेगा नहि,
आपा भविष्य खुद बनाओ, दुसरो के लिए अपना सुधारो,
मौका फिर ये आये गए नहीं,
मौका फिर ये आएगा नहीं।
';
(function() {
var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true;
dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js';
(document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq);
})();
0 टिप्पणियाँ